आधारभूत संरचना (Infrastructure) :-
Right to Education / शिक्षा का अधिकार, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम/RPwD Act 2016 के निर्देशों और समग्र शिक्षा अभियान ने भारत में समावेशी शिक्षा की नींव स्थापित की है। इन दो अधिनियमों ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षा मिले और वे मुख्यधारा के स्कूली व्यवस्था में शामिल हों। ऐसे कई कारक हैं जो दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं, जैसे कि स्कूल के लिए परिवहन तक पहुचँ न होना, स्कूल में प्रवेश से मन करना, साथ ही साथ स्कूल की सुविधाओ जैसें पीने के पानी, मध्यान्ह भोजन (mid-day meals) के स्थान और शौचालय तक पहुचँ न होना, कक्षा में उचित फर्निचर का उपयोग न करना, फिसलन वाले फर्श का होना और पर्याप्त रौशनी व हवा की कमी होना।
इसलिए, उन सभी मुद्दों का सामना करना महत्वपूर्ण है जो स्कूल में बच्चे के समावेशन के लिए बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। भारत सरकार और कई संस्थाओ द्वारा इस दिशा में काम किया जा चकुा है जैसे समर्थ्यम (Smarthayam), Accessible India Campaign और यूनिसेफ (UNICEF) का Making Schools Accessible to Children with Disabilities (दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल को सुलभ बनाना), CDC का वाटर सैनिटेशन और हाइजीन (WASH) कार्यक्रम, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के बाधा रहित वातावरण के लिए दिशानिर्देश और स्थान के मानक।
एक समावेशी स्कूल बनाने के लिए उपयोगी आधारभूत संरचना के दिशा निर्देश इस प्रकार हैं: